आश्रम के पुस्तकालय से पुस्तकें लेना

 

 

      मधुर मां,

 

          मुझसे कहा गया है  कि निम्नलिखित चीजों के लिए आपकी स्वीकृति लेनी होगी : (१) पुस्तकालय से पुस्तकें' लेने के लिए; (२) बेकरी से रोटी खरीदने के लिए । क्या आपकी स्वीकृति मिल सकती है ?

 

यदि तुम्हें असामान्य मात्रा में नहीं चाहिये तो रोटी तुम मुफ्त में ले सकते हो ।

 

       रही बात किताबों की, हम किताबें देना बन्द करने के लिए बाधित हुए हैं क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में किताबें गुम हो गयी हैं--लेकिन अगर तुम उन्हें थोड़े समय के लिए रखो और अधिक सावधान होने का वचन दो, तो मैं स्वीकृति दे सकती हूं ।

       आशीर्वाद ।

११ जनवरी, १९६३

 

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        मधुर मां,

 

              अपने पढ़ने के लिए क्या मैं कभी-कभी पुस्तकालय से किताबें ले सकता हूं ? कुछ वर्ष पहले आपने दी थी।

 

अगर तुम पुस्तकालय के नियमों का पालन करो और किताबों की बहुत अच्छी तरह देखभाल करो तो ले सकते हो ।

       आशीर्वाद ।

१२ मार्च, १९६४

 

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        प्यारी मां,

 

               क्या मैं जॉन ब्युसैल कृत 'द पपेट थियेटर' लेने की स्वीकृति पा

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       सकता हूं ? बड़े दिन पर बच्चों को उपहार देने के लिए, हाथ की कठपुतलियां बनाने के लिए 'क' को यह पुस्तक दिखाना चाहता हूं ।

 

हां, उधार के रूप में और सावधानी के साथ ।

२६ नवम्बर, १९६४

 

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        मधुर मां,

 

                क्या मैं घर पर पढ़ने के लिए पुस्तकालय से किताबें ले सकता हूं ? अंग्रेजी और अध्ययन के लिए मुझे इनकी आवश्यकता है ।

 

अगर 'ख' (पुस्तकालयाध्यक्ष) स्वीकार करे, ओर अगर तुम उनको बहुत अच्छी तरह सम्भाल कर रखो ।

२३ दिसम्बर, १९६४

 

 

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माताजी,

 

       १९६५ की छुट्टीयों में और १९६६ में स्कुल के समय क्या आप मेरी कक्षा के विद्यार्थियों को पुस्तकालय से किताबें लेने की अनुमति देंगी ? ये किताबें (सूची साथ में है) उनकी फ्रेंच कक्षाओं के लिए उपयोगी होंगी)

 

बहुत अच्छा ।

 

        पुनश्च : निश्चित रूप से उन्हें इन पुस्तकों को अच्छी तरह सम्भाल कर रखना होगा और नया साल शुरू होने से पहले उन्हें साफ-सुथरी और अच्छी हालत में लौटाना होगा ।

११ अक्तूबर १९६५

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         (पुस्तकालय के मुख्य अध्यक्ष को)

 

'ग' पुस्तकालय से कुछ किताबें लेना चाहता है । वह कहता है कि वह उनकी अच्छी तरह सम्भाल करेगा । क्या तुम उसे देने के लिए तैयार हो ?

१३ फरवरी, १९६६

 

चित्रकारी

 

      मेरे ख्याल से प्रकृति के कुछ रेखाचित्र उपयोगी होंगे, विशेष रूप से हाथ पैर के अनुपात ओर आकार के सामञ्जस्य के दृष्टिकोण से यह उपयोगी होगा ।

२५, जनवरी, १९३४

 

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         (माताजी के मुकुट के लिए एक डिज़ाइन के बारे में)

 

सचमुच डिज़ाइन बहुत सुन्दर है और निश्चय ही एक बहुत सफल मुकुट बनायेगा ।

७ सितम्बर, १९३४

 

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      भित्ति चित्र का यह विचार मुझे अच्छा लगा और 'ख' की छत पर 'क' के कमरे की दीवार इसके लिए आदर्श स्थान है । बस एक बात हे : जिस दीवार पर अभी पेण्ट हुआ है उस पर चूना टिकेगा क्या ? यह 'ग' से पूछना पड़ेगा ।

 

      वहां समुद्र का दृश्य बहुत अच्छा रहेगा ।

७ सितम्बर, १९३४

 

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      (कलाकार के कार्य से सम्बन्धित लोगों के लिए बने कार्डों के बारे में, जिनके नाम कार्डों  के साथ- साथ भेजे गये थे)

 

सभी कार्ड बहुत अच्छे हैं, कुछ बहुत ही सुन्दर हैं । मैं एक के सिवाय सभी को वितरण के लिए लौटा रही हूं । उसे 'ग' ने चुनकर बड़ी खुशी से अपने पास रख लिया है ।

 

       सभी नाम ठीक हैं ।

२७ अक्तूबर, १९३५

 

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        (टाउन हॉल की दीवारों पर लगाने के लिए एस्बेस्टस पर की जाने वाली चित्रकारी के लिए रेखांकनों के बारे में)

 

हां यह ठीक है । जब रेखांकन तैयार हो जायें तो उन्हें मेयर और गवर्नर को दिखाना होगा और इसमें कुछ समय लगेगा । कहने का मतलब यह है कि रेखांकन और चित्रकारी को शुरू करने के बीच प्रदर्शनी और दर्शन के लिए बहुत समय होगा ।

 

 

      जैसा कि मैंने तुमसे कहा, इन रेखांकनों को गवर्नर को इस महीने की दस या उसके आस-पास किसी तारीख को दिखाना अच्छा होगा--क्योंकि आम सभा की बैठकें हो रही हैं और अन्तिम निर्णय सभा के द्वारा ही लिया जायेगा । चार रेखांकन और कमरे की ऊंचाई का उल्लेख पर्याप्त होगा ।

१ नवम्बर, १९३५

 

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        (टाउन हॉल की चित्रकारी के रेखांकनों के बारे में)

 

ये सचमुच बहुत सुन्दर हैं । मैं सुझाव देने लायक किसी परिवर्तन की

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जरूरत नहीं देख रही।

३ नवम्बर, १९३५

 

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       (दिसम्बर १९३५ के अन्त में आश्रम के चित्रकारों के चित्रों की एक प्रदर्शनी के बारे में। कुछ चित्र फ्रेंच गवर्नर को उपहारस्वरूप दिये गये थे)

 

मैं तुमसे यह कहना भूल गयी कि गवर्नर को दिये जाने वाले दो चित्रों पर फ्रेम लगाने से पहले हस्ताक्षर करने होंगे । क्या तुम 'ग' को इसकी सूचना दे दोगे ?

 

     ऐसा लगता है कि प्रदर्शनी बहुत सफल रही ।

     हमारे आशीर्वाद सहित ।

६ जनवरी, १९३६

 

     मैं आपकी राय जानने के लिए चित्रकला की कुछ पुस्तकें भेज रहा हूं । मैं ''सेजान'' और ''वैनगॉग '' के बारे में आपकी राय जानना चाहता हूं, क्योंकि आधुनिक आलोचक उनकी बहुत प्रशंसा करते हैं ।

 

तुम्हारी भेजी हुई पुस्तकों में ''सेजान'' और ''वैनगॉग'' के जो चित्र हैं, बहुत सुन्दर हैं (विशेषकर ''सेजान'' के) । मैं दो-एक दिन में किताबें लौटा दूंगी--मैं उन्हें अच्छी तरह से देखना चाहती हूं ।

१२ मार्च, १९३६

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      अगर तुम चित्र आकने के लिए सच्ची प्रेरणा का अनुभव नहीं करते तो मैं तुम्हारे चित्र आकने की कोई आवश्यकता नहीं समझती ।

      आशीर्वाद ।

अप्रैल १९३९

 

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     कला को सीखने का तुम्हारा तरीका उचित है और अगर तुम अपनी मनोवृत्ति और प्रयास में पूरी सचाई रखते हुए सीखते रहोगे तो तम जरूर सफल होगे ।

 

     पूर्वीय कला के तुम्हारे मूल्यांकन में कुछ चीज ठीक है लेकिन वह अपूर्ण है । फिलहाल हम इस विषय को छोड़ देंगे क्योंकि अभी मेरे पास यह सब समझाने का समय नहीं है । रही बात लिओनार्डो द विंची, माइकल एंजलो और राफेल की, तो इन्हें मैं एक ही स्तर पर नहीं रख सकती । पहले दो अन्तिम से कहीं अधिक महान् हैं । ये दोनों सर्जक शक्ति के लोक के हैं, लिओनार्डो में अधिक सूक्ष्मता, अचञ्चल, गभीर दृष्टि और पवित्रता है, माइकल एंजलो में अधिक शक्ति, अधिक बल है, विशेष रूप से उसकी उन मूर्तियों में जो अतुलनीय रूप से अपूर्व हैं । राफेल अधिक मानसिक और सतही है ।

३० जून, १९३९

 

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     'क' ने मुझे बताया है कि आपने ध्यान के कक्ष को सजाने की स्वीकृति दे दी है । मैं सिर्फ उसी कमरे को सजाना चाहता था जहां आप प्रणाम के लिए बैठा करती थीं । मैंने सुना कि आप सारा हॉल और ऊपर जाने की सीढ़ी तक सारी जगह करवाना चाहती है । यह बहुत बड़ी योजना हैं । लकिन 'ख' भी इस काम को करने में रुचि रखता है और पूछा जाये तो 'क' भी हमारा साथ दे सकता है । मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि काम को चुपचाप और सुसामञ्जस्य के साथ करने के लिए एक ही आदमी को सारी चीज का डिज़ाइन बनाना चाहिये और सभी को उसी के अनुसार काम करना चाहिये । मैं आपसे यह जानना चाहूंगा कि क्या आपके पास कोई विषय-विशेष है । मैं आपसे यह जानना चाहूंगा कि काम को केसे किया जाये ? कृपया अपना विचार बताइये ।

 

मैं इस बात से सहमत हूं कि एक ही आदमी को सारी चीज का डिज़ाइन बनाना चाहिये दूसरे लोग कार्य में उसके साथ हो सकते हैं ।

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      मेरे पास कोई विषय या योजना नहीं है । मैं केवल इसकी इच्छा रखती हूं कि रंग और साथ-साथ रचना के दृष्टिकोण से भी सजावट शान्त होनी चाहिये ।

 

      कुछ रेखांकन और योजना तैयार करो, और मेरे पास भेजो ।

 

     आशीर्वाद

 

३१ जुलाई १९३९

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